मेरी खो देने की आदत...
बहुत अरसे तक मैं मानती थी
जिंदगी मे वो बहुत ज्यादा कीमती होता है
जिसके सामने रो पाओ
मन हल्का कर पाओ
... कोई ईश्वर सा मिल जाए
जो सिर्फ सुन ले
कुछ न कहे...
पर शायद अब एहसास हुआ
जिंदगी में किसी के साथ
हंसते हुए रहना कितना जरूरी है
जिन्दगी फिर से जीने लगते हैं हम
ऐसे शख्स के सामने...
बचाकर रखना चाहिए किसी ऐसे को..
अफसोस कि अब
मुझे किस्मत ने खो देने की आदत लगा दी है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें